बबूल के फायदे और नुकसान Can Be Fun For Anyone
बबूल के पत्ते और छाल एवं बड़ की छाल लें। सबको बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह छानकर रख लें। इससे कुल्ला (गरारा) करने से गले के रोग मिट जाते हैं।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
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बबूल का वानस्पतिक नाम अकेशिया निलोटिका (
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ग्वार फली में कैल्शियम और फास्फोरस होता है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है। जिन बच्चों की हड्डियां कमजोर होती है उन्हें खास तौर पर ग्वार फली का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
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जिन लोगों को कीकर गोंद से एलर्जी हो सकती है उनको इसका उपयोग करने से बचना चाहिए।
स्थान: पूरे भारतवर्ष में; राजस्थान, दक्कन में इसके जंगल भी पाए जाते हैं।
इसके अलावा बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से दांतों का दर्द दूर होता है।
अगर आप कमर दर्द की समस्या से पीड़ित रहते हैं, तो बबूल की छाल, गोंद और कीकर की फली को बराबर मात्रा में मिला लें और उसे पीसकर रख लें। अब इसे दिन में तीन बार एक-एक चम्मच की मात्रा में सेवन करें। इससे कमर के दर्द में काफी आराम मिल सकता है।
बबूल के website अंतर छाल का क्वाथ बनाकर उस क्वाथ को औटाते औटाते जब उसका घनक्वाथ हो जाए तब उसको आपको मट्ठे के साथ पीने से और भोजन में सिर्फ मट्ठे का आहार लेने से जलोदर तक पहुंचे हुए सब प्रकार के उदर रोग नष्ट हो जाते हैं।
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